डॉ. देवेंद्र तोमर

परिचय

डॉ. देवेंद्र तोमर

3 जुलाई 2023 को रचनाकार के हस्ताक्षर से सप्रेम भेंट की गई एक किताब कोरियर से 7 जुलाई को मिल गई थी। रचनाकार की अपेक्षा भी थी और मेरा वायदा भी, मुझे किताब की समीक्षा लिखना थी। केवल लिखना ही नहीं थी रचनाकार तक समीक्षा की मुद्रित प्रति भेजना भी थी। वायदा करके भूल जाने के साक्ष्य तो आप में से बहुत सारे लोगों के पास सुरक्षित रखे होंगे। इस रचनाकार के बारे में भी ऐसा ही हुआ। जिस रचनाकार से सुबह शाम मर्यादित हास परिहास के साथ राम-राम दुआ सलाम हो रही थी, एक लंबे समय तक समीक्षा नहीं लिख पाने और नहीं भेज पाने के कारण रचनाकार की नाराजगी के चलते सुबह शाम होती हुई राम-राम दुआ सलाम भी बंद हो गई। आज जब रचनाकार का मुस्कुराता हुआ चित्र उनकी एक पोस्ट के साथ फेसबुक पर देखा, साथ ही रचनाकार को भी ऑनलाइन देखा तो अपने आप पर न केवल शर्म आयी बल्कि अपने आप को सजा देने का मन भी हुआ। सजा यही कि इस समय 11:55 हुए हैं, जो मेरे सोने के समय के निकट है। लेकिन रचनाकार मित्र की नाराजगी और उसकी हॅंसती मुस्कुराती राम राम दुआ सलाम का बंद हो जाना भीतर ही भीतर मन को कचोट रहा है। मैंने फैसला किया है कि चाहे आज की रात जागना ही क्यों ना पड़े, रचनाकार की भेजी हुई किताब को पढ़ना भी है और समीक्षा भी करना है।

जी हाॅं किताब का नाम है “अल्फाज तेरे जिक्र के”! यह किताब जितेंद्र आनंद इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नोएडा से प्रकाशित है। इसका प्रथम संस्करण अप्रैल 2023 में प्रकाशित हुआ है। हार्ड वाइंडिंग और बेहद खूबसूरत साज सज्जा के साथ प्रकाशित की गई। इस किताब में मुद्रित किए गए 156 पृष्ठ हैं। किताब के पहले पृष्ठ पर एक सुंदर यौवना का चित्र और किताब का शीर्षक है। कवर पृष्ठ के अंतिम भाग में रचनाकार का संक्षिप्त परिचय है। इस परिचय के साथ एक चित्र भी प्रकाशित किया गया है। यह चित्र एक प्रौढ़ावस्था की स्त्री का है। मगर मेरी दृष्टि में दोनों चित्र एक जैसे हैं। चेहरे पर झुर्रियाॅं ना तो उस चित्र में है और ना ही इस चित्र में। ऑंखों के नीचे काले काले धब्बे भी दोनों चित्रों में से किसी चित्र में नहीं है। दोनों चित्रों की समानता यह है कि पहले भाग के चित्र की ऑंखों में भविष्य के सपनों की गंभीरता है। जबकि पिछले वाले भाग में प्रकाशित चित्र का मुखड़ा एक जिंदा दिल मुस्कान लिए हुए हैं जो लगभग हॅंसी के छोर तक पहुॅंच रही है। मैं धर्म संकट में हूॅं कि पहले वाले चित्र से दूसरे चित्र की तुलना करूॅं या दूसरे वाले चित्र से पहले चित्र की। दोनों चित्रों को एक साथ रखता हूॅं तो एक चित्र में आशा है और एक चित्र में आनंद। यही इन दोनों चित्रों के संयोग की खासियत है। क्योंकि रचनाकार का नाम आशा आनंद है। जी हाॅं डॉक्टर आशा आनंद!!!डॉ आशा आनंद बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। आपने चित्रकला में एम ए और मुगल आर्ट में पी एच डी किया है। सिर्फ इतना ही नहीं आप कई दशकों तक इस्माईल नेशनल महिला स्नातकोत्तर कॉलेज मेरठ में कला विभाग की अध्यक्ष रहीं हैं। आपके निर्देशन में 20 से अधिक छात्र पी एच डी कर चुके हैं। आपके 18 शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं, जिन्हें न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पत्र पत्रिकाओं ने भी प्रकाशित किया है। एक उच्च कोटि की सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आपकी विशिष्ट पहचान है। संपादक के रूप में भी आपकी ख्याति सर्वविदित है। पेंटिंग का शौक आपको आपकी किशोरावस्था से रहा है। साहित्य सृजन करते हुए आपने साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन किया है।